RBI की मौद्रिक नीति बैठक की ताज़ा खबरों के मुताबिक जून 2025 में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों (0.5%) की कटौती की है। अब रेपो दर 6% से घटकर 5.50% हो गई है। यह इस साल की तीसरी कटौती है – फरवरी और अप्रैल में भी ब्याज दरें कम की जा चुकी हैं। RBI की इस घोषणा का सबसे सीधा असर होम लोन की ब्याज दरों और EMIs (मासिक किस्तों) पर पड़ेगा।
रेपो रेट क्या है? आसान भाषा में समझिए इसका मतलब
रेपो रेट वास्तव में RBI द्वारा बैंकों को अल्पकालिक कर्ज पर दी जाने वाली ब्याज दर है। जब किसी बैंक या व्यापार को तुरंत नकदी की जरूरत होती है, तो वह RBI के पास जमानत रखाकर पैसे उधार ले सकता है। इस प्रक्रिया को REPO (रेपो) कहते हैं और जिस दर पर RBI यह कर्ज देती है, वही रेपो रेट कहलाती है। सरल शब्दों में कहें तो अगर RBI रेपो रेट बढ़ाती है, तो बैंकों को महंगा कर्ज मिलेगा और वे अपने ग्राहकों से अधिक ब्याज वसूलेंगे। इसके उलट, यदि रेपो रेट घटती है तो बैंकों को सस्ते कर्ज मिलेंगे, जिससे वे ग्राहकों को कम ब्याज पर होम लोन आदि दे सकेंगे।
होम लोन पर रेपो रेट कटौती का सीधा असर कैसे पड़ेगा?
होम लोन पर इसका असर कैसा होता है? RBI की हालिया कटौती से मुख्यतः दो तरह के लोग प्रभावित होंगे – नए लोन लेने वाले और पहले से चल रहे होम लोन वाले। अक्टूबर 2019 के बाद से बैंकों को निर्देश है कि ज्यादातर होम लोन External Benchmark (बाहरी बेंचमार्क) से जुड़े हों, जो कि ज्यादातर मामलों में RBI का रेपो रेट होता है। इसका मतलब है कि नए होम लोन की ब्याज दर सीधे रेपो में बदलाव के साथ घटे-बढ़ेगी। उदाहरण के लिए, यदि बैंक ने 8% ब्याज दर घटाकर 7.50% कर दी, तो आपके EMI भी कम हो जाएंगे। दूसरी ओर, पुराने होम लोन जिनकी ब्याज दर पुरानी गणना (जैसे MCLR या बेस रेट) पर चल रही थी, उन पर कटौती का असर तुरंत नहीं दिखेगा, बल्कि जब बैंक उनकी ब्याज दर रीसेट करेगी तब ब्याज दर घट जाएगी।
नई EMI कम होगी या नहीं? जानिए आपके लोन पर फर्क
आसान भाषा में कहें तो मौजूदा कटौती से होम लोन की EMIs घट सकती हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिनके होम लोन फ्लोटिंग रेट पर हैं। अगर आपका होम लोन External Benchmark से जुड़ा है, तो बैंक ब्याज दर तुरंत घटा देंगे। इससे आपके महीने की किस्तों (EMI) में रियायत मिल सकती है। उदाहरण के लिए, यदि पहले 30 लाख रुपये के लोन पर ब्याज दर 8% थी और RBI ने इसे 7.50% कर दिया, तो आपकी EMI में थोड़ी राहत आएगी। यह फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा है और जो समय पर किस्त भरते रहे हैं।
ब्याज दर में कमी: आम आदमी को राहत या घाटा?
इस repo रेट कटौती का आम आदमी के जेब पर सीधा असर ब्याज दर में कमी के रूप में होगा। सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपके होम लोन, कार लोन या अन्य फ्लोटिंग रेट कर्ज की मासिक किश्तें कम हो जाएंगी। दूसरी तरफ नुकसान यह हो सकता है कि बैंक अब बचत खाते या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर कम ब्याज देंगे। उदाहरण के लिए, पहले कुछ बैंक FD पर 7% ब्याज दे रहे थे, अब यह 6% तक आ सकता है। इसी तरह बचत खाते की ब्याज दर 5% से घटकर 4% रह सकती है। लेकिन यदि आप नया घर लेने की योजना बना रहे हैं या लोन रिवाइज करना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
बैंक अपडेट: SBI, HDFC, ICICI समेत कई बैंकों ने घटाई होम लोन दरें
ब्याज दरों के इस परिदृश्य में प्रमुख बैंकों ने भी अपने होम लोन रेट्स अपडेट किए हैं। वर्तमान में कई बैंक होम लोन लगभग 8%–9% रेंज में दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, SBI (भारतीय स्टेट बैंक) पर नया फ्लोटिंग होम लोन लगभग 8.25% से शुरू होता है। HDFC बैंक में यह दर लगभग 8.50% से शुरू हो रही है और ICICI बैंक का प्लान करीब 8.75% से चलता है। निजी क्षेत्र में Axis Bank और Kotak Mahindra Bank भी अपने होम लोन की न्यूनतम दर 8.75% रखे हुए हैं। वहीं PNB, Bank of Baroda और Bank of India जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों ने अपनी ब्याज दरें करीब 8.15%–8.35% तक ला दी हैं। उदाहरण के तौर पर, PNB ने अपनी RLLR 8.35% कर दी, Bank of Baroda ने 8.15% कर दिया, Bank of India ने 8.35% किया और Indian Bank ने 8.20% कर दिया।
उत्तर भारतीय पाठकों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि इस बदलाव का असर आपके परिवार की आमदनी पर क्या पड़ेगा। दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, उत्तर प्रदेश या बिहार आदि क्षेत्रों में रहने वाले कई लोग बड़े होम लोन लेने की सोच रहे हैं। यदि आपकी भी ऐसी योजना है, तो RBI की रेपो रेट कटौती आपके लिए राहत की खबर है। होम लोन की EMIs कम होने पर परिवार की बचत में इज़ाफ़ा हो सकता है। साथ ही यदि आप नया घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो वर्तमान समय फायदेमंद है क्योंकि होम लोन की ब्याज दरें पिछले कई सालों में सबसे निचले स्तर पर हैं। इस मौके का लाभ उठाकर आप अधिक डाउन पेमेंट लगा सकते हैं या चूंकि ब्याज दरें कम हैं, बड़ी राशि आसानी से उधार ले सकते हैं।
उत्तर भारत के लोगों के लिए क्या है इसका असली फायदा?
संक्षेप में कहें तो RBI की ताज़ा नीति आम आदमी के लिए अच्छी खबर साबित हो रही है। होम लोन सस्ते होने से घर लेना आसान हो जाएगा। प्रमुख बैंकों की होम लोन ब्याज दरें अभी लगभग 8%–9% के बीच हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में बहुत कम हैं। यदि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी है और आप समय पर किश्त चुकाने वाले हैं, तो इन दरों पर आपको कर्ज मिलना आसान रहेगा। हाँ, एक बात का ध्यान रखें कि ब्याज दरें गिरने पर बचत खाते और FD का रिटर्न थोड़ा घट सकता है। कुल मिलाकर, नए घर लेने वाले या पहले से होम लोन में राहत चाहते लोगों के लिए यह समय अच्छा माना जा सकता है।