अगर आप किसी पारंपरिक काम या हस्तकला से जुड़े हुए हैं और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी सहायता चाहते हैं, तो प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) आपके लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है।
यह योजना भारत सरकार द्वारा उन लोगों के लिए शुरू की गई है जो अपने हाथों से काम करके जीवनयापन करते हैं — जैसे बढ़ई, सुनार, लोहार, कुम्हार, मोची, नाई, दर्जी, राजमिस्त्री, और अन्य पारंपरिक कारीगर।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों को पहचान देना, प्रशिक्षण देना और उन्हें सस्ते ब्याज दर पर लोन की सुविधा प्रदान करना है ताकि वे अपने काम को आधुनिक उपकरणों और नई तकनीकों के साथ आगे बढ़ा सकें।
पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक कौशल आधारित वित्तीय सहायता योजना है जिसे केंद्र सरकार ने सितंबर 2023 में शुरू किया था।
इस योजना के तहत पारंपरिक काम करने वाले शिल्पकारों और कारीगरों को पहचान पत्र और प्रमाणपत्र के साथ-साथ आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
सरकार का उद्देश्य “हाथों से काम करने वाले विश्वकर्माओं” को औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
विश्वकर्मा योजना के मुख्य उद्देश्य
- पारंपरिक कारीगरों को प्रशिक्षण और मान्यता देना
- उनके व्यवसाय को आधुनिक उपकरणों और तकनीकों से जोड़ना
- सस्ते ब्याज पर वित्तीय सहायता (लोन) उपलब्ध कराना
- डिजिटल और मार्केटिंग सपोर्ट देना ताकि उनका काम व्यापक बाजार तक पहुँचे
- स्थानीय से वैश्विक स्तर तक रोजगार और आय के नए अवसर प्रदान करना
विश्वकर्मा योजना का लाभ कौन ले सकता है?
यह योजना मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है जो अपने हाथों से कोई पारंपरिक या हस्तशिल्प कार्य करते हैं।
इसमें निम्नलिखित व्यवसाय और कार्य शामिल हैं:
- बढ़ई (Carpenter)
- सुनार (Goldsmith)
- लोहार (Blacksmith)
- राजमिस्त्री (Mason)
- मोची (Cobbler)
- कुम्हार (Potter)
- दर्जी (Tailor)
- नाई (Barber)
- धोबी (Washerman)
- मछुआरा (Fisherman)
- हथकरघा बुनकर (Handloom Weaver)
- ताला बनाने वाला, टोकरी बनाने वाला आदि पारंपरिक कामगार
महत्वपूर्ण शर्तें:
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक किसी सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
- यह योजना केवल व्यक्तिगत रूप से कार्य करने वाले शिल्पकारों के लिए है।
- परिवार में केवल एक सदस्य इस योजना का लाभ ले सकता है।
विश्वकर्मा योजना में मिलने वाले लाभ
इस योजना के अंतर्गत सरकार कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करती है:
- पहचान और प्रमाणपत्र:
आवेदक को “PM Vishwakarma ID” और डिजिटल प्रमाणपत्र दिया जाता है जिससे उसकी पहचान एक पंजीकृत शिल्पकार के रूप में होती है। - टूलकिट वाउचर:
प्रशिक्षण प्राप्त कारीगरों को आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए वाउचर दिए जाते हैं। - प्रशिक्षण और स्किल अपग्रेडेशन:
आवेदकों को 5 से 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें नई तकनीकों और आधुनिक उपकरणों का उपयोग सिखाया जाता है। - वित्तीय सहायता (लोन सुविधा):
- पहली किस्त में अधिकतम ₹1 लाख तक का लोन।
- दूसरी किस्त में अधिकतम ₹2 लाख तक का लोन (पहला लोन समय पर चुकाने पर)।
- ब्याज दर लगभग 5% रखी गई है।
यह लोन व्यवसाय को बढ़ाने या नई मशीनरी खरीदने के लिए दिया जाता है।
- डिजिटल और मार्केट सपोर्ट:
कारीगरों को डिजिटल पेमेंट सिस्टम, ऑनलाइन मार्केटिंग, और ब्रांड प्रमोशन की जानकारी दी जाती है।
PM Vishwakarma Yojana Online Apply Process Step by Step
अगर आप इस योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए सरल चरणों का पालन करें:
Step 1: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ
- योजना की वेबसाइट पर जाएँ: https://pmvishwakarma.gov.in
Step 2: पंजीकरण करें
- “Applicant Registration” विकल्प पर क्लिक करें।
- अपना मोबाइल नंबर और आधार नंबर दर्ज करें।
- OTP सत्यापन पूरा करें।
Step 3: व्यक्तिगत विवरण भरें
- नाम, जन्मतिथि, व्यवसाय, पता और अन्य आवश्यक जानकारी सही-सही भरें।
Step 4: बैंक विवरण दर्ज करें
- बैंक का नाम, IFSC कोड और खाता संख्या डालें ताकि लोन प्रक्रिया सुचारू हो सके।
Step 5: दस्तावेज़ अपलोड करें
- आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, कारीगरी से संबंधित प्रमाण या व्यवसाय प्रमाणपत्र अपलोड करें।
Step 6: आवेदन सबमिट करें
- सारी जानकारी जाँचने के बाद “Submit” बटन पर क्लिक करें।
- आवेदन सफल होने के बाद आपको एक Application Number प्राप्त होगा, जिसका उपयोग आप ट्रैकिंग के लिए कर सकते हैं।
विश्वकर्मा योजना में मिलने वाले ₹3 लाख तक के लोन की प्रक्रिया
इस योजना में कुल ₹3 लाख तक का लोन दो चरणों में दिया जाता है:
- पहला चरण:
पहली बार आवेदन करने पर ₹1 लाख तक का लोन दिया जाता है।
इसे 18 महीनों में चुकाया जा सकता है। - दूसरा चरण:
यदि आपने पहला लोन समय पर चुका दिया है, तो दूसरी बार ₹2 लाख तक का लोन लेने की सुविधा मिलती है।
इसका पुनर्भुगतान अवधि 30 महीने तक की हो सकती है।
लोन का उपयोग केवल व्यवसाय विस्तार, नए उपकरण खरीदने, या कच्चा माल लेने के लिए किया जा सकता है।
सरकार द्वारा इस पर ब्याज दर कम रखी गई है ताकि कारीगरों पर आर्थिक बोझ न पड़े।
Vishwakarma Certificate कैसे डाउनलोड करें?
- वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएँ।
- Login सेक्शन में जाएँ और अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालें।
- OTP डालकर लॉगिन करें।
- “Download Vishwakarma Certificate” विकल्प पर क्लिक करें।
- प्रमाणपत्र PDF फॉर्मेट में डाउनलोड हो जाएगा, जिसे आप प्रिंट कर सकते हैं।
विश्वकर्मा योजना के लिए जरूरी दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर (आधार से लिंक)
- बैंक पासबुक या खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- कारीगरी या व्यवसाय से संबंधित प्रमाण (जैसे सदस्यता कार्ड या पंचायत से सत्यापन पत्र)
- जाति प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
- आवास प्रमाण (बिजली बिल, राशन कार्ड आदि)
विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता (Eligibility Criteria)
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- आवेदक किसी सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
- परिवार का केवल एक व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकता है।
- आवेदक किसी अन्य सरकारी स्व-रोजगार योजना (जैसे PMEGP, Mudra) का लाभ पहले से नहीं ले रहा हो।
विश्वकर्मा योजना से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को पहचान देना, प्रशिक्षण प्रदान करना और सस्ती ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराना है।
प्रश्न 2: क्या महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं?
उत्तर: हाँ, यह योजना सभी पात्र कारीगरों के लिए है, चाहे वे पुरुष हों या महिलाएं।
प्रश्न 3: आवेदन करने के बाद प्रमाणपत्र कब मिलेगा?
उत्तर: आवेदन सत्यापित होने के बाद कुछ दिनों में डिजिटल प्रमाणपत्र डाउनलोड के लिए उपलब्ध हो जाता है।
प्रश्न 4: क्या इस योजना में कोई पंजीकरण शुल्क है?
उत्तर: नहीं, यह पूरी तरह नि:शुल्क सरकारी योजना है।
प्रश्न 5: क्या बिना बैंक खाते के आवेदन किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, आवेदन के लिए बैंक खाता आवश्यक है क्योंकि लोन की राशि सीधे खाते में भेजी जाती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना उन सभी मेहनती शिल्पकारों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने पारंपरिक व्यवसाय को नई दिशा देना चाहते हैं।
सरकार द्वारा दी जा रही पहचान, प्रशिक्षण और लोन की सुविधा से न केवल आत्मनिर्भरता बढ़ेगी बल्कि “लोकल से ग्लोबल” तक का सपना भी साकार हो सकेगा।
अगर आप भी किसी कारीगरी से जुड़े हैं, तो इस योजना में पंजीकरण करके अपने हुनर को नई ऊँचाई दें।