1 लाख लोन का ब्याज कितना है –
बैंक का नाम |
1 लाख लोन का ब्याज
|
लगभग EMI 3 साल में |
स्टेट बैंक (SBI) | अधिकतम 15.30% | 3,481 रुपये प्रति माह |
बैंक ऑफ़ बड़ौदा (BOB) | अधिकतम 18.75% | 3,653 रुपये प्रति माह |
HDFC बैंक | औसत 16% | 3,516 रुपये प्रति माह |
ICICI बैंक | औसतन 16% | 3,516 रुपये प्रति माह |
पंजाब नेशनल बैंक | अधिकतम 16.95% | 3,563 रुपये प्रति माह |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | अधिकतम 15.45% | 3,489 रुपये प्रति माह |
एक्सिस बैंक | 16% से शुरू | 3,516 रुपये प्रति माह |
जैसा कि आप ऊपर टेबल में देख सकते हैं कि 3 साल के लिए 1 लाख पर्सनल लोन की ईएमआई औसतन, ज्यादातर बैंकों में 3500 रुपये प्रति माह है। लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि ब्याज दर के साथ साथ बैंक की प्रोसेसिंग फीस, GST और लेट फीस भी ईएमआई को प्रभावित करती है।
Also Read – |
1 लाख लोन का ब्याज कितना है?
प्रमुख बैंकों में अगर आप 1 लाख तक पर्सनल लोन लेते हैं तो इस प्रकार ब्याज हो सकती है, यह कस्टमर के सिबिल स्कोर पर भी निर्भर करता है –
बैंक का नाम |
1 लाख लोन का ब्याज
|
स्टेट बैंक (SBI) | अधिकतम 15.30% |
बैंक ऑफ़ बड़ौदा (BOB) | अधिकतम 18.75% |
HDFC बैंक | औसत 16% |
ICICI बैंक | औसतन 16% |
पंजाब नेशनल बैंक | अधिकतम 16.95% |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | अधिकतम 15.45% |
एक्सिस बैंक | 16% से शुरू |
पर्सनल लोन की ईएमआई इन चीजों की वजह से कम या जादा हो सकती है –
पर्सनल लोन की ईएमआई (EMI) विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। आइए इन्हें एक-एक करके समझते हैं:
1. Loan Amount –
लोन की राशि जितनी अधिक होगी, ईएमआई उतनी ही अधिक होगी। उदाहरण के लिए, 1 लाख रुपये के लोन की ईएमआई 50,000 रुपये के लोन से अधिक होगी।
2. Interest Rate –
ब्याज दरें, पर्सनल लोन का सबसे महत्वपूर्ण पार्ट होती हैं। यह दर बैंक द्वारा निर्धारित की जाती है और यह आपके क्रेडिट स्कोर, आय, और अन्य कारकों पर निर्भर करती है। उच्च ब्याज दरें उच्च ईएमआई की ओर ले जाती हैं।
3. Loan Tenure –
लोन की अवधि यानी लोन चुकाने की समय सीमा भी ईएमआई को प्रभावित करती है। लंबी अवधि के लोन की ईएमआई कम होती है, क्योंकि भुगतान की राशि अधिक महीनों में विभाजित हो जाती है। लेकिन कुल ब्याज भुगतान अधिक होता है।
4. Credit Score –
आपका क्रेडिट स्कोर आपके वित्तीय व्यवहार का प्रतिबिंब होता है। उच्च क्रेडिट स्कोर से कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे ईएमआई कम हो जाती है।
5. आवेदक की कमाई –
आपकी मासिक आय भी ब्याज दर और लोन की राशि को प्रभावित कर सकती है। जादा आय वाले व्यक्तियों को कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है, जिससे उनकी ईएमआई कम होती है।
6. पुराने लिए गए लोन –
अगर आपके ऊपर पहले से ही लोन है, तो नया लोन लेने पर आपकी ईएमआई उच्च हो सकती है, क्योंकि आपका कुल कर्ज बढ़ जाता है।
7. बैंक के नियम –
हर बैंक की अपनी अलग-अलग पॉलिसी होती है। कुछ बैंक लोन के लिए कम ब्याज दर प्रदान करते हैं, जबकि कुछ अन्य चार्ज अधिक कर सकते हैं। इसलिए लोन अप्लाई करने से पहले तुलना कर लेना चाहिए।
8. प्री-पेमेंट और पार्ट-पेमेंट –
कुछ बैंक प्री-पेमेंट और पार्ट-पेमेंट की सुविधा देते हैं, जिससे आप समय से पहले लोन का कुछ हिस्सा चुका सकते हैं। इससे ब्याज की राशि कम हो जाती है और ईएमआई में राहत मिलती है।
9. शुल्क, चार्ज और टैक्स –
लोन प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंटेशन चार्ज, और टैक्स जैसे अन्य शुल्क भी आपकी ईएमआई को प्रभावित कर सकते हैं। ये अतिरिक्त शुल्क लोन की कुल लागत को बढ़ा सकते हैं।
इस पोस्ट में हमने आपको समझाया कि लोन की EMI किन चीजों पर निर्भर करती है, और औसतन 1 लाख के लोन पर 3 साल के लिए EMI कितनी होगी। उम्मीद है आपको जानकारी से लाभ मिलेगा। कोई सवाल हो तो कमेंट करें।
Read Others Posts – |
About Author – Hi guys! my name is Shivakant Srivastava, I live in Lucknow. NiveshCalculator.in is my blog website in which i post articles related to investment and Loan emi calculations to help people who don’t want to use calculators. I hope you got the required information. For queries mail to – [email protected]