महिला समूह लोन (Mahila Group Loan) आजकल एक बड़ा सहारा बन गया है उन महिलाओं के लिए जो मिलकर कुछ नया करना चाहती हैं। सरकार और बैंकों ने ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे महिलाएं मिलकर आसानी से लोन ले सकती हैं और अपना छोटा-मोटा काम शुरू कर सकती हैं। इस लोन में खास बात ये है कि इसे लेने के लिए आपको बस कुछ महिलाओं के साथ एक समूह बनाना होता है। अगर आप भी जानना चाहती हैं कि इस समय कौन-कौन सी लोन योजनाएं चल रही हैं और उन्हें लेने के क्या फायदे हैं, तो आगे पढ़ते रहिए। यहां हम सबकुछ आसान भाषा में बताएंगे, ताकि आप इसे बिना किसी परेशानी के समझ सकें –
Mahila Group Loan योजनायें 2025 –
देश के विभिन्न राज्यों में महिलाओं के लिए कई समूह लोन योजनाएं चल रही हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके छोटे व्यापार को बढ़ावा देना है। यहाँ हमने कुछ प्रमुख राज्यों की महिला समूह लोन योजनाओं की जानकारी दी है देखें –
उत्तर प्रदेश – रानी लक्ष्मीबाई महिला समूह योजना
इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह (SHG) के माध्यम से लोन प्रदान किया जाता है। इस लोन का इस्तेमाल महिलाएं छोटे व्यापार, खेती, या अन्य कार्यों के लिए कर सकती हैं। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना के महत्वपूर्ण बिंदु –
- इस योजना का लाभ लेने के लिए, महिलाएं अपने नजदीकी बैंक शाखा में आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए एक समूह बनाना आवश्यक है, जिसमें 10 से 20 महिलाएं शामिल हो सकती हैं।
- योजना के तहत दिए जाने वाले लोन पर ब्याज दर बहुत कम होती है। राज्य सरकार द्वारा इसमें सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे महिलाओं को कम ब्याज पर लोन मिल सके।
- लोन चुकाने की समय सीमा भी तय की जाती है, जोकि अधिकतर 3 से 5 वर्षों तक होती है।
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बिहार – जीविका महिला समूह योजना
बिहार सरकार की इस योजना के तहत महिलाओं को छोटे ऋण दिए जाते हैं, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ावा दे सकती हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। योजना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं –
- प्रत्येक समूह में 10-15 महिलाएं होती हैं, जो नियमित रूप से बचत करती हैं।
- समूह की नियमित बैठकें होती हैं, जहां वित्तीय योजना, लोन वापसी, और समूह की प्रगति पर चर्चा की जाती है।
- जीविका समूह से जुड़े सदस्य छोटे-मोटे लोन (microcredit) प्राप्त कर सकते हैं, जो बिना किसी जमानत के दिए जाते हैं।
- जीविका योजना के तहत मिलने वाले लोन की ब्याज दर बहुत कम होती है, जिससे महिलाओं पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ता। यह दर आमतौर पर 1% से 2% तक होती है।
- शुरूआती तौर पर लोन की राशि ₹10,000 से ₹20,000 तक हो सकती है, जो धीरे-धीरे बढ़कर ₹50,000 या उससे अधिक हो सकती है, यह समूह की क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है।
- लोन चुकाने की अवधि बहुत ही सरल और लंबी होती है, जिससे महिलाएं आसानी से इसे वापस कर सकें।
मध्य प्रदेश – मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना
इस योजना के तहत महिलाओं को समूह में लोन प्रदान किया जाता है, जिससे वे अपना छोटा व्यापार शुरू कर सकें। यह योजना उन महिलाओं के लिए है जो स्वयं का उद्योग शुरू करना चाहती हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं। योजना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं –
- इस योजना के तहत महिलाएं अपने व्यवसाय के लिए 50,000 रुपये से 10 लाख रुपये तक का लोन प्राप्त कर सकती हैं।
- महिला उद्यमियों को 6% तक की ब्याज सब्सिडी मिलती है और अधिकतम 7 वर्षों तक के लिए लोन उपलब्ध है।
- आवेदन करने वाली महिला की आयु 18 से 45 वर्ष होनी चाहिए और वह 10वीं पास होनी चाहिए।
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तमिलनाडु महिला लघु उद्योग विकास योजना –
इस योजना के तहत महिलाओं को छोटे उद्योग शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना और उनके आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
- इस योजना के तहत, महिलाओं को 3 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाता है। इसके साथ ही, 30% की सब्सिडी भी मिलती है, जिससे ब्याज का बोझ कम हो जाता है।
- योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को 18 से 55 वर्ष के बीच होना चाहिए और वार्षिक आय 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
राजस्थान – महिला समृद्धि योजना
राजस्थान में यह योजना महिलाओं के लिए बनाई गई है, जिसके तहत उन्हें समूह में लोन प्रदान किया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है। योजना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं –
- इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को अधिकतम ₹60,000 तक का लोन दिया जाता है। यह लोन छोटे व्यवसाय और आय उत्पन्न करने वाली गतिविधियों के लिए होता है।
- महिला समृद्धि योजना के तहत लोन पर ब्याज दर बहुत ही कम है। राज्य चैनलाइजिंग एजेंसी (SCA) द्वारा 1% प्रति वर्ष और लाभार्थी से 4% प्रति वर्ष ब्याज दर ली जाती है।
- लोन को चुकाने के लिए महिलाओं को 4 साल का समय दिया जाता है, जिसमें 6 महीने का मोराटोरियम पीरियड (छूट अवधि) भी शामिल है।
- इस योजना के तहत केवल पिछड़ी जाति की महिलाएं जो गरीबी रेखा के नीचे (BPL) आती हैं, आवेदन कर सकती हैं। वार्षिक आय ₹3 लाख से कम होनी चाहिए।
- इच्छुक महिलाएं राज्य चैनलाइजिंग एजेंसी (SCA) के नजदीकी कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकती हैं।
Mahila Group Loan Benefits –
womens के लिए ग्रुप लोन के कई फायदे हो सकते हैं जैसे महिलाएं अपने व्यापार को शुरू या विस्तारित करने के लिए ब्याज मुक्त ऋण ले सकती हैं, जो 1 लाख रुपये तक हो सकता है। इसके लिए कोई जमानत नहीं देनी पड़ती।
इसके माध्यम से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होते हैं, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है।
महिलाओं को उनके व्यावसायिक कौशल और उद्यमशीलता के ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम दिए जाते हैं।
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